ram-ji-hd-.2
प्रभु शरणं के पोस्ट की सूचना WhatsApp से चाहते हैं तो अपने मोबाइल में हमारा नंबर 9871507036 Prabhu Sharnam के नाम से save कर लें। फिर SEND लिखकर हमें उस नंबर पर whatsapp कर दें।
जल्दी ही आपको हर पोस्ट की सूचना whatsapp से मिलने लगेगी।
अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
भगवान श्रीराम को अयोध्या का राज पाट की बजाए वनवास मिला. श्रीराम इस बात से कतई उदास नहीं थे बल्कि वे तो इस बात पर खुश थे कि पिता के आदेश के पालन का अवसर मिल रहा है. इस खुशी में उन्होंने यह तय किया कि जंगल जाने से पहले वे अपने पास की सभी धन संपत्ति दान कर जायेंगे.

भगवान राम ने अपने सभी सेवकों को बुलाया और चौदह साल तक के लिये रहने खाने के लिये भरपूर धन दे दिया. इसके बाद उन्होंने दीन दुखियों में खूब सारा धन बांटा और ब्राह्मणों को दान तथा बालकों को उपहार दिये. रामचंद्र जी के कुबेर की तरह धन लुटाने की चर्चा दूर दूर तक फैल गयी.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here