krishna_kanhaiya1024x768
आप सभी Maa Durga Laxmi Sharnam एप्पस जरूर डाउनलोड कर लें. माँ लक्ष्मी व माँ दुर्गा को समर्पित इस एप्प में दुर्लभ मन्त्र, चालीसा-स्तुति व कथाओं का संग्रह है. प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें या यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करें. विनती है कि कृपया एप्प की रेटिंग जरूर कर दें.

पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.

Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

[sc:fb]
प्रागज्योतिषपुर में नरकासुर नामक राजा हुआ करता था. उसका एक नाम भौमासुर भी था. भौमासुर या नरकासुर पृथ्वी और भगवान नृसिंह की संतान था.

हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को बंधक बना लिया था तब पृथ्वी का उद्धार करने के लिए भगवान विष्णु ने वराह अवतार लिया. वराह भगवान से पृथ्वी ने अपने साथ कुछ समय व्यतीत करने की विनती की जिसे भगवान ने मान लिया.

पृथ्वी के गर्भ से वराह भगवान का अंश था नरकासुर. जब लंका का राजा रावण मारा गया उस समय पृथ्वी के गर्भ से उसी स्थान पर नरकासुर का जन्म हुआ जहां माता सीता का जन्म हुआ था. सोलह वर्ष की आयु तक राजा जनक ने ही भौमासुर को पाला था.

बाद में पृथ्वी इसे ले गई और श्रीविष्णु ने इसे प्राग्ज्योतिषपुर का राजा बना दिया. नरकासुर मथुरा के राजा कंस का मित्र था. विदर्भ की राजकुमारी माया से इसका विवाह हुआ और विवाह के समय भगवान विष्णु ने इसे एक दुर्भेथ रथ दिया.

कुछ दिनों तक तो नरकासुर ठीक से राज्य करता रहा किन्तु बाणासुर की संगति में पड़कर यह दुष्ट हो गया. महर्षि वसिष्ठ ने इसे विष्णु के हाथों मारे जाने का शाप दे दिया.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here