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श्रीहरि ने वरदान मांगने को कहा तो बुध ने कहा कि अपने जन्म के संताप से मेरा हृदय जल रहा है. श्रीहरि ने उनका संताप हर लिया और सभी वैदिक विद्याएं एवं सभी कलाएं प्रदान कीं. बुध शांत विचार के हो गए इसलिए वह देवों को प्रिय हुए.
यही बुध सौरमंडल में सूर्य से सबसे समीप के ग्रह हैं. बुध वाक् कला यानी ओजस्वी वचन प्रदान करते हैं. बुद्धि के कारक ग्रह हैं एवं जातक के शरीर के दांत, गर्दन, कंधे और त्वचा पर इनका प्रभाव रहता है.
इस कथा में चंद्रमा का स्वभाव चंचलता वाला रहा है. इसलिए चंद्रमा चंचलता देता है. बृहस्पति ने हृद्य की विशालता दिखाई और उनकी समझदारी से ही युद्ध टला. बृहस्पति हमारे विवेक और सूझबूझ पर असर रखते हैं.
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