हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]
रथे में जुते घोड़ों ने जब पानी पीने की बात सुनी तो वे बड़े प्रसन्न हुए. अब सूर्यदेव के सामने अजीब सा धर्मसंकट आ खड़ा हुआ. प्रतीज्ञा है कि रूकेंगे नहीं लेकिन अपनी सेवा में लगे अश्वों को विराम की आस जगा दी है. करें तो क्या करें!

सूर्य भगवान ने चारों ओर देखा. उन्हें तालाब के किनारे दो गधे खड़े नजर आए. उन्होंने तत्काल ही पानी के कुंड के आगे खड़े दोनों गधों को अपने रथ में जुतवाया और आगे बढ़ गए.

भगवान के सातों घोड़े तब अपनी प्यास बुझाने के लिए खोल दिए गए. अब स्थिति ये रही कि गधे यानी खर अपनी मन्द गति से पूरे पौष मास में ब्रह्मांड की यात्रा करते रहे.

गधे घोड़ों का क्या मुकाबला करते. सूर्य का तेज बहुत ही कमजोर होकर धरती पर प्रकट होने लगा. इसी कारण पूरे पौष मास पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य देव का प्रभाव क्षीण हो जाता है और कभी-कभार ही उनकी तीखी किरणें धरती पर पड़ती हैं.

खरमास में क्या करें क्या न करें-
सूर्य जब धनु राशि पर आते हैं तो खर मास प्रारंभ होता है. बुधवार 16 दिसंबर से खर मास का आरंभ हो गया है. जो 14 जनवरी, 2016 गुरुवार तक रहेगा. खर मास में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करके मकर संक्रांति तक इसी स्थिति में रहते हैं।

सूर्य जब तक धनु राशि में रहते हैं तो इस दौरान मांगलिक कार्य शुभ नहीं माने जाते. इस दौरान सूर्य का तेज कुछ मंद हो जाता है. विवाह के लिए सूर्य एक महत्वपूर्ण कारक ग्रह हैं इसलिए खर मास में विवाह आदि कार्य नहीं होते.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here