जुलाई महीने सूर्य, बुध, शुक्र और गुरू इन चार ग्रहों की राशि में परिवर्तन वाला है. इऩमें ग्रहों में से सूर्य केवल पाप ग्रह है अन्य ग्रह शुभ ग्रह हैं. ग्रहों की स्थिति परिवर्तन से हमारे जीवन पर भी प्रभाव होगा.

बुध और सूर्य किसी भी राशि में एक महीने रहते हैं. बृहस्पति तेरह महीने एक राशि में रहते हैं. बुध ने जुलाई के आरंभ में राशि बदल ली है. सूर्य 17 जुलाई से कर्क राशि में आएगा. आइए समझते हैं कि इसका किस राशि पर क्या प्रभाव हो सकता है.

मेषः

जुलाई महीना मेष राशि वालों के लिए मिला-जुला फल देने वाला रहेगा. 17 जुलाई तक सूर्य, मंगल और बुध साथ हैं. मेष राशि वालों के जीवन में कुछ सुखद बदलाव हो सकते हैं. शुरुआत में सूर्य और मंगल की युति अर्थात साथ होने से समय ठीक रहेगा लेकिन 17 जलाई से सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के साथ हो सकता है कि आपकी आय में कोई विशष सुधार न हो लेकिन खर्च बढ़ जाए. माता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ चिंता हो सकती है. बुध 2 जुलाई को वृष राशि से मिथुन में आया है इसलिए समय आपके लिए शुभ बीत रहा होगा. महीने के बीच में गुरु का सिंह राशि में प्रवेश होगा. गुरु का राशि बदलना आपके लिए शुभ रहेगा. अभी तक गुरू कर्क राशि में था इस कारण आपको कुछ परेशानी कर रहा होगा खासकर उन लोगों के लिए जो विद्या या कला के क्षेत्र से आजीविका चलाते हैं. गुरू के पंचम भाव में आने से विदया-बुद्धि में वृद्धि होगी. नौकरी व व्यापार के नए अवसर मिल सकते हैं. राशि से पंचम शुक्र के होने से प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी. जीवनसाथी के साथ जीवन खुशमय होगा. आमदनी अच्छी होगी. राजनीतिज्ञों के लिए समय पराक्रम का होगा. सूर्य के कारण आपमें तेजस आएगा. इससे स्वभाव में उग्रता आ सकती है. स्वास्थ्य में भी ध्यान मेष राशि वालों के जीवन में सेहत संबंधी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. आपको सूर्य को प्रसन्न रखने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए.

परामर्शः सूर्य को रोज जल दें. जल में लाल फूल या रोली मिला लें. ऊँ घृणि सूर्याय नमः की एक माला जपें अवश्य लाभ होगा.

वृषः

माह के आरंभ में ही बुध के प्रभाव के कारण वृष राशि वालों के लिए ये महीना अच्छा रहेगा. शुरुआती दिनों में विशेष लाभ दिखेगा. आपकी राशि से बुध दूसरे भाव और शुक्र चौथे भाव में होने से आपकी निर्णय लेने की चतुराई में वृद्धि होगी जिससे कुछ अचानक लाभ हो सकता है. फैसले अच्छे ले सकेंगे तो आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा. राशि से चौथे भाव में शुक्र की उपस्थिति से खरीदने की प्रवृति रहेगी. आपमें घर, वाहन, गृह, भूमि आदि खरीदने की इच्छा बढ़ेगी. संगीत औऱ कला क्षेत्र में रूझान होगा. महीने के बीच में सूर्य राशि बदलकर तृतीय घऱ में आएगा जो पराक्रम का भाव कहा जाता है. इससे आपके तेजस में वृद्धि होगी. कार्यों में तेजी आएगी. व्यापार में शुभता होगी. नौकरीपेशा लोगों के लिए स्थितियां सुधरेंगी. मंगल का आपके धन भाव में रहने से भी खर्च पर नियंत्रण नहीं होगा लेकिन अच्छी बात है कि आप संपत्ति में निवेश का प्रयास कर रहे हैं. महीने के मध्य में गुरु के राशि बदलकर चतुर्थ भाव में आने से आपको थोड़ी कठिनाई हो सकती है. निर्णय लेने में उलझन होगी. परंतु घबराने की बात नहीं यह तो आपके लिए अवसर की तरह है. आपको कोई भी निर्णय करने से पहले दो बार विचार कर लेना चाहिए. इस तरह तो आपमें सोच-विचारकर कार्य करने की एक अच्छी आदत ही विकसित होगी. आप अपनी सूझबूझ का पूरा प्रयोग करें और धैर्य का गुण विससित कर लें.

परामर्शः ऊं बृ बृहस्पत्यै नमः की कम से कम एक माला गुरूवार को जपें. गुरूवार को पीला वस्त्र धारण करें. चंदन की तिलक लगाएं और गुरूजनों की सेवा करें. विष्णु पंजर स्तोत्र का जप करें.

मिथुनः

मिथुन राशि वालों के लिए समय अच्छा है. सूर्य औऱ मंगल मिलकर आपके पराक्रम औऱ तेजस में बहुत वृद्धि करेंगे. कहीं से कोई रूक हुआ धन प्राप्त हो सकता है. नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए लाभ होगा. स्वजनों का सहयोग मिलेगा. मित्रों के सहयोग से कुछ नया काम कार्य शुरू करने की दिशा में बढ़ सकते हैं. किंतु सूर्य आपको जो तेजस देगा उससे स्वभाव में उग्रता आने की पूरी पूरी आशंका है. आपमें आवेश भर सकता है. आपको क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा. दांपत्य जीवन में भी कुछ बाधा कर सकता है. जीवनसाथी की सेहत के कारण कुछ चिंता हो सकती है. इस महीने में थोड़ी दौड़-भाग जरूर होगी, लेकिन फायदेमंद रहेगी. आप जहां तक संभव हो ऋण लेने से बचें. पराक्रम भाव में सूर्य और शुक्र होने से मित्रों के साथ मिलेगा. राशि के चतुर्थ राहू के होने से माता के स्वास्थ्य पर कुछ बुरा अशर देखने को मिल सकता है. छठे भाव में शनि बैठे हैं. इसलिए आपके जो शत्रु आप पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं वे नाकाम होंगे. गोपनीयता भंग न होने दें इससे कुछ परेशानी हो सकती है.

परामर्शः गणपत्यअथर्वशीर्षम् का पाठ करें रोज.

कर्कः

कर्क राशि वालों के लिए समय थोड़ी सावधानी और सोच-विचार से व्यतीत करने का है.राहू के तृतीय भाव में होने से आपके पराक्रम में वृद्धि हुई और उग्रता आ रही है. कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है. परंतु आप अपने स्वभाव पर कंट्रोल करके रखें तो अच्छा होगा. आप फिजूलखर्ची कर सकते हैं किसी से वेबजह उलझने को उतारू न हों. परिवार में किसी के स्वास्थ्य आदि कारणों से कुछ अपव्यय हो सकता है क्योंकि धन भाव में सिंह का शुक्र है. शुक्र पर शनि की व्रकदृष्टि के कारण चिड़चिड़ापन, भाग-दौड़ आदि करा सकता है. पंचम का शनि आपको दिग्भ्रमित कर सकता है यानी स्वभाव में बड़ा उतार-चढ़ाव ला सकता है. इसलिए तोल-मोल कर बोले और सोच-समझकर किसी काम में हाथ डालें. ऐसे काम स्वीकार न करें जो आप कर नहीं पाएंगे क्योंकि आपकी साख पर बट्टा लग सकता है. मेहनत कुछ ज्यादा हो सकती है और आपमें असंतोष का भाव भी रहेगा. हर समय हर चीज आपकी अपेक्षा के मुताबिक हो ऐसा तो नहीं हो सकता न. इसलिए हताश न हों. धैर्य रखें. अपने काम में कोताही न करें, थोड़ा विलंब होगा लेकिन फल मिलेगा. इस महीने आपके कुछ नए संपर्क बन सकते हैं जो आगे जाकर लाभ देंगे. किसी नए काम में हाछ डालने से अगर 15-20 दिन बच सकते हैं तो बच ही लें.

परामर्शः हनुमानजी की आराधना करें, शिवजी को जल व बेलपत्र चढ़ावें.

सिंह

आरंभ में ही सूर्य के राशि से एकादश भाव में होने से अभी आपका समय अच्छा चल रहो होगा. लेकिन महीने के मध्य के बाद स्थितियां थोड़ी बदलेंगी. अभी तक जो काम बड़ी सरलता से हो रहा था उसमें रूकावटें आने लगेगीं. सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने से व्यर्थ की भागदौड़ भी हो सकती है. यात्राओं से आपको धन और समय का नुकसान भी हो सकता है. द्वितीय भाव में राहू के होने से कुछ फिजूलखर्ची हो सकती है. राशि में शुक्र के होने से प्रेम संबंधों में प्रगाढता आएगी. अपनत्व का भाव बढ़ेगा. चतुर्थ भाव का शनि इस महीने परिवार में कुछ विवाद करा सकता है. इसलिए आप इसके लिए विशेष सतर्क रहें. वाणी पर नियंत्रण रखें. वाहन चलाते समय आपको विशेष सावधानी रखने की जरूरत है. सूर्य और गुरु दोनों के आपकी ही राशि में होने से दांपत्य जीवन में कुछ खटपट हो सकती है. जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें. परिवार में किसी व्यक्ति या करीबीजन का स्वास्थ्य भी आपको परेशान कर सकता है. सिंह राशि वाले इस महीने बड़ा निवेश करने से बचें.

परामर्शः आदित्यहृद्यस्तोत्र का पाठ करें, सूर्य को रोली डालकर जल दें रोज.

कन्या

बुध के स्वगृही होने से महीने के शुरुआती दिन कन्या राशि वालों के लिए अच्छे रहेंगे लेकिन महीने के मध्य में सूर्य के बारहवीं राशि में प्रवेश करने के साथ कुछ परेशनियां हो सकती हैं. किसी बीमारी या विवाद के कारण कुछ मानसिक परेशान हो सकती है. बुध का स्वगृही होना भाग्य बढ़ाने वाला भी होता है अर्थात कोई ऐसा कार्य भी करने को मिल सकता है जिसको करना आप दिल से बहुत पसंद करते हैं. धार्मिक यात्रा की इच्छा पैदा होगी या लंबी यात्रा भी हो सकती है किंतु खर्च का ध्यान रखें. महीने आरंभ में ही शुक्र भी राशि बदलकर आपके बारहवें भाव में आया है जो कुछ अच्छे फल दे सकता है. कला आदि मे रूचि बढ़ सकती है. आप किसी प्रेम संबंध में पड़ सकते हैं. प्रेम संबंध प्रगाढ़ हो सकते हैं या विवाह के प्रस्ताव भी मिल सकते हैं. इस महीने वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं किंतु आप भाव प्रबल होने से उनको मधुर रखने में सफल रहेंगे.

परामर्शः आदित्यहृद्य स्तोत्र का पाठ करें अथवा ऊं घृणि सूर्याय की एक माला रोज जपें.

तुला

तुला राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा. महीने की आरंभ में ही बुध आपके भाग्य भाव में आ गया है. शुक्र का प्रवेश भी आपके लाभ भाव में हुआ है इससे आपके लिए समय अच्छा रहेगा. आपकी आय बढ़ सकती है. महीने के बीच में सूर्य और गुरु दो बड़े ग्रह राशि बदल रहे हैं. सूर्य के कर्क में आगमन से आप नई योजनाएं बना सकते हैं. उन योजनाओं से आपको आगे चलकर बड़ा लाभ हो सकता है. आपको अचानक कोई धन लाभ हो सकता है या कोई बड़ा कॉन्ट्रेक्ट मिल सकता है. आप जिस क्षेत्र में भी कार्य करते हों आपके लिए समय अच्छा है. समय आपके लिए कर्म से सबकुछ प्राप्त कर लेने वाला है. नौकरी करते हैं तो प्रमोशन की बात चल सकती है. मान-सम्मान बढ़ सकता है. लाभ भाव का गुरु होने से आपको फायदा होगा. विद्यार्थियों के लिए समय काफी अच्छा है. प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता मिल सकती है.

परामर्शः गणपत्यअथर्वशीर्षम् का पाठ करें.

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के लोग आप इन दिनों काफी परेशानियां का सामना कर रहे हैं. महीने के आरंभ में भी मानसिक परेशानियों में कोई बदलाव नहीं आने वाला लेकिन 17 जुलाई से आपकी मानसिक उलझनें कुछ कम हो सकती हैं. महीने के दूसरे पखवाड़े में आपकी राशि के आठवें भाव में बैठा सूर्य राशि बदलकर कर्क में चला जाएगा. भाग्य भाव में सूर्य के आगमन से आपको भाग्य का साथ मिलेगा. मित्रों और परिजनों का सहयोग मिलेगा तो आपके कई रुके काम पूरे होंगे. इस महीने में गुरु के सिंह राशि में आने से आपके लिए लाभ होगा. आपके खर्च पर कुछ नियंत्रण लगेगा लेकिन वह भी महीने के मध्य के बाद. आपके बहुत से शौक इसी ग्रह के प्रभाव से पूरे हो सकते हैं. यह महीना आपके जीवन में कुछ अच्छे और सुखद बदलाव लाने वाला रहेगा. शुक्र के प्रभाव से दांपत्य जीवन सुखमय होगा. प्रेम संबंधों में मधुरता रहेगी. इस महीने घर-परिवार में कोई खुशी की कोई खबर मिल सकती है. आपके बहुत से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. सोचे हुए काम भी पूरे होने के योग बन रहे हैं. नौकरी और बिजनेस में किए गए प्रयासों को महीने के उतरार्ध में सफलता मिल सकती है. विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा है. परीक्षा में सफलता मिल सकती है.

परामर्शः गणपत्यअथर्वशीर्षम का पाठ और आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें. गणेशजी को दूर्वा चढ़ावें

धनुः

महीने के शुरुआती दिन तो आपके लिए ठीक रहेंगे. जुलाई के शुरू में ही बुध मिथुन राशि में और शुक्र सिंह राशि में आ चुका है. इससे आपको शुभ फल प्राप्त हो रहे होंगे. सप्तम का बुध व्यापार और परिवार दोनों के लिए उन्नति वाला होता है. वैवाहिक जीवन अच्छा चल रहा होगा. धन का आगमन भी अच्छा है. लेकिन उतरार्ध में जब सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क में आएगा तो स्थितियों पर कुछ असर हो सकता है. अष्टम भाव में आऩे से यह आपके सेहत की परेशानियां खड़ा कर सकता है. आपके कार्यक्षेत्र में कुछ कष्ट दे सकता है. नौकरी में ट्रांसफऱ या नौकरी में परिवर्तन हो सकता है. आप प्रयत्न करके अफनी वाणी पर नियंत्रण रखें. तोल-मोल के बोलें. फिजूल का एक भी शब्द आपके लिए उचित नहीं है. साझेदारी का व्यापार है तो पाटर्नर के साथ प्रेम रखें और नौकरी करते हैं सबके साथ मिला-जुला कर चलने का व्यवहार रखें. राशि से आठवें सूर्य के प्रभाव से कुछ फिजूलखर्ची या धनहानि हो सकती है. किसी आशंका में ग्रस्त होंगे जिससे मानसिक चिंता होगी. आपकी कोई गुप्त योजना सार्वजनिक हो जाने की आशंका है इसलिए गोपनीयता भग न करें. जुलाई महीना थोड़ा सावधानी रखने वाला है. 17 जुलाई से गुरु के राशि बदलकर सिंह में आने से अविवाहित लोगों के लिए विवाह के अवसर बनेंगे. विवाह प्रस्ताव मिल सकते हैं. आपको इस महीने सूर्य को शांत रखना है.

परामर्शः सूर्य को प्रतिदिन जल दें. ऊं घृणि सूर्याय नमः की एक माला या जितना संभव हो रोज जपें, लाभ होगा.

मकरः

भाग्य के स्वामी बुध के छठे भाव में होने से थोड़ा उतार-चढाव रहेगा क्योंकि छठे भाव को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन राशि के स्वामी के स्वगृही होने से अशुभता का प्रभाव काफी कट जाएगा और समय मध्यम बीत रहा होगा. व्यापार में कुछ अड़चनें आ रही होंगी. उधार के काम में ज्यादा सावधानी रखें. शुक्र ने भी महीने के आरंभ में राशि बदली है कर्क में प्रवेश किया है. शुक्र के राशि बदलने का प्रभाव यह हुआ है कि भोग-विलासिता पर खर्च या अपव्यय बढ़ा होगा. मन विचलित हो रहा होगा. दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां आई होंगी. जीवनसाथी या परिवार की आपसे बहुत अपेक्षा बढ़ गई होगी जिसको लेकर आपको चिड़चिड़ापन हो सकता है. महीने के बीच में आपकी राशि का सूर्य सप्तम भाव में आ जाएगा तो आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां कुछ बढ़ सकती हैं. जीवनसाथी की सेहत को लेकर चिंता रहेगी. गोपनीयता बनाए रखने को लेकर सजग रहें. पेट और लीवर की परेशानी का सामना आपको करना पड़ सकता है.

परामर्शः गणपत्यअथर्वशीर्षम् का पाठ करें, ऊं गं गणपत्ये नमः का जाप करते दूर्वा चढ़ावे, ऊं बुं बुधाय नमः प्रतिदिन एक माला रोज जपें.

कुंभः

कुंभ राशि के लिए महीने की शुरुआत में ही धन की दृष्टि से अच्छा चल रहा होगा. रोजमर्रा के कामों में उत्साह बढ़ा होगा. महीने के आरंभ में शुक्र ने भी राशि बदली है इसलिए कुछ फिजूलखर्ची पर लगाम लगा होगा. पैसे बचाने की प्रवृति आई होगी. बुध के प्रभाव से योजनाएं अच्छी बन रही हैं, उस पर काम भी हो रहा है. योजनाओं से फायदा भी मिल सकता है. संतानपक्ष से किसी अच्छी खबर की आस है. लेकिन महीने के दूसरे पखवाड़े में आपकी परेशानियां कुछ बढ़ सकती हैं. कुछ विवादों में उलझा सकते हैं जिससे आप नुकसान में आएंगे. जीवनसाथी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. किसी को पैसे उधार न दें. राशि से पंचम सूर्य, बुध और मंगल के होने से विद्यार्थियों को कोई अप्रत्याशित सफलता हाथ लग सकती है. विवाह का योग बन रहा है. इसलिए विवाह के इच्छुक लोगों के लिए बात बन सकती है.

परामर्शः हनुमानजी की आराधना करें. श्रीरामस्तुति का पाठ औऱ हनुमान चालीसा प्रतिदिन पाठ करें.

मीन

मीन राशि वालों के लिए महीने की शुरुआत खर्चीली हुई हो सकती है. महीने के शुरुआती दिनों में छठा सूर्य होने बुध चौथे भाव में आने से खर्त की प्रवृति बढ़ी होगी. चौथे घर में बैठा बुध आपके लिए तनाव लेकर आ सकता है. दूसरे पखवाड़े के सूर्य और गुरु के राशि बदलने से परेशानी बढ़ सकती है. राशि के स्वामी गुरु का छठे भाव में होना उतना अच्छा नहीं होता. छठे भाव में बृहस्पति और शुक्र दोनो के होने से स्वास्थ्य को लेकर परेशानियां रहेंगी. कुछ पुराने विवाद भी सामने आ सकते हैं. माता के स्वास्थ्य से चिंता होगी. परंतु सूर्य का राशि से पांचवें होना कुछ लाभ करा सकता है. संतान से सहयोग मिल सकता है. अचानक धन लाभ हो सकता है. आप विवेक का प्रयोग कुशलता से कर पाएंगे जिससे कोई बड़ा लाभ भी हो सकता है. सूर्य और मंगल के प्रभाव से चोट-चपेट की आशंका है इसलिए वाहन चलाते समय या सड़क पर सावधानी रखें.

परामर्शः गणपत्यअथर्वशीर्षम और आदित्यहृद्यस्तोत्र का पाठ करें. रोज पीला चंदन का तिलक लगाएं.

प्रस्तुतकर्ताः
डॉ. नीरज त्रिवेदी, ज्योतिषाचार्य,
पीएचडी (ज्योतिष), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

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