mmmmmmmmmmmmmm

पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रश्नावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें

हमारा फेसबुक पेज लाइक कर लें. आपको प्रभु शरणम् के पोस्ट की सूचना मिलती रहेगी. यहां शेयर करने योग्य अच्छी-अच्छी धार्मिक पोस्ट आती है जिसे आप मित्रों से शेयर कर सकते हैं. आप स्वयं देखें कितने सुंदर-सुंदर पोस्ट मिल जाएंगे शेयर को.

इस लाइन के नीचे हमारे फेसबुक पेज का लिंक है उसे क्लिक करके लाइक कर लें.
[sc:fb]

ज्योतिषशास्त्र में दांपत्य सुख यानी वैवाहिक सुख पर बड़ी गहन चर्चा है. विवाह योग जीवन का एक महत्वपूर्ण संस्कार है. वर्तमान में ज्योतिषियों से सबसे ज्यादा प्रश्न वैवाहिक जीवन और संतान संबंधित ही पूछे जा रहे हैं. यानी दांपत्य जीवन में बाधा बढ़ी है.

इसके कारण बहुत हैं. विस्तृत विषय है इसकी विवेचना समय-समय पर करेंगे.

आज मैं आपको कुंडली पर आधारित दांपत्य जीवन के सरल विश्लेषण और उसकी बाधाएं दूर करने के कुछ प्रभावी ज्योतिषिय समाधान बता रहा हूं. भविष्य में कई और उपाय भी बताउंगा.

कुंडली में दांपत्य जीवन का विचार सप्तम भाव यानी सातवें घर से किया जाता है. सातवां घर कौन सा है यह आप अपनी कुंडली में देख सकते हैं. उसमें सांतवें घर के लिए उसकी संख्या लिखी होती है.

खींची रेखाओं इसमें गुरू और शुक्र की बड़ी भूमिका होती है. गुरू और शुक्र की स्थिति आपके दांपत्य जीवन की दिशा तय करने में बड़ा रोल निभाती है.

यदि इसमें कोई बाधा आती है तो दांपत्य जीवन कष्टमय होता है. किन-किन परिस्थितियों में आपका दांपत्य जीवन कष्टमय हो सकता है, आइए समझते हैं-
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here