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असल में मैं हर ओर से पता कर के निश्चिंत हो जाना चाहती हूं कि मेरे पति अब नहीं रहे. क्यों कि इधर मैं आपको समर्पित हो जाऊं और उधर वे आ जायें तो यह तो धर्म के खिलाफ होगा. नहुष शची की निकटता की सोच कर खुश होता हुआ बोला, ठीक है ऐसा ही हो.
शची ने देवताओं से कहा कि अब इंद्र को जल्द से जल्द ढूंढ कर लाना आपकी जिम्मेदारी है. देवताओं ने मिलकर विचार किया और शची के साथ इस मुसीबत से निबटने के लिये क्या किया जाये जानने भगवान विष्णु के पास पहुंचे.
विष्णु ने कहा मैं इंद्र को ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त कराने की कोशिश कर सकता हूं जिसके भय से वे कहीं जा छिपे हैं पर वे कहां हैं यह तो मां जगदंबा ही बता सकती हैं और वही इस समस्या को हल कर सकती हैं. शची को उनकी पूजा कर उन्हें प्रसन्न करना चाहिये.
शची तुरंत ही मां जगदंबा की आराधन में लग गयी. शची पर संकट गंभीर था सो उन्होंने सभी भोग त्याग कर कड़ी कठिन तपस्या आरंभ कर दी. मां जगदंबा जल्द ही उनकी साधना से प्रसन्न हो गयीं और साक्षात दर्शन दिया.
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