अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
पिछली कथा से आगे…
नारदजी बोले- दो घड़ी रात बाकी रह जाए तभी उठकर तिल, कुशा, अक्षत, फूल, धूप आदि लेकर पवित्र होकर किसी नदी, तालाब, कुआं आदि जलाशय के किनारे जाएं. मनुष्य द्वारा बनाई नहरों एवं देवों द्वारा बताई नदियों में स्नान का दस गुणा फल है. तीर्थ में उसका भी दुगुना.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.