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प्रभु शरणम् को अपना सबसे उपयोगी धार्मिक एप्प मानने के लिए लाखों लोगों का हृदय से आभार- 100 THOUSAND CLUB में शामिल हुआ प्रभु शरणम्
तकनीक से सहारे सनातन धर्म के ज्ञान के देश-विदेश के हर कोने में प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से प्रभु शरणम् मिशन की शुरुआत की गई थी. इस मोबाइल एप्पस से देश-दुनिया के कई लाख लोग जुड़े और लाभ उठा रहे हैं. सनातन धर्म के गूढ़ रहस्य, हिंदू ग्रथों की महिमा कथाओं और उन कथाओं के पीछे के ज्ञान-विज्ञान से हर हिंदू को परिचित कराने के लिए प्रभु शरणम् मिशन कृतसंकल्प है. देव डराते नहीं. धर्म डरने की चीज नहीं हृदय से ग्रहण करने के लिए है. इस पर कभी आपको कोई डराने वाले, अफवाह फैलाने वाले, भ्रमित करने वाले कोई पोस्ट नहीं मिलेगी. तभी तो यह लाखों लोगों की पसंद है. आप इसे स्वयं परखकर देखें. नीचे लिंक है, क्लिक कर डाउनलोड करें- प्रभु शरणम्. आइए साथ-साथ चलें; प्रभु शरणम्!

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इसके साथ-साथ प्रभु शरणम् के फेसबुक पर भी ज्ञानवर्धक धार्मिक पोस्ट का आपको अथाह संसार मिलेगा. जो ज्ञानवर्धक पोस्ट एप्प पर आती है उससे अलग परंतु विशुद्ध रूप से धार्मिक पोस्ट प्रभु शरणम् के फेसबुक पर आती है. प्रभु शरणम् के फेसबुक पेज से जु़ड़े. लिंक-
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ये कथा शिवपुराण के साथ-साथ कई पुराणों में आती है. उपनिषदों में भी इसकी चर्चा है और अब तो विज्ञान भी इस तर्क को स्वीकार करने लगा है कि संसार के जीवों की उत्पत्ति किसी ऐसे कारण से हुई है जिसमें स्त्रीतत्व प्रधान रहा होगा हालांकि अभी तक उसका निर्णय नहीं हुआ है.

विज्ञान मानने लगा है कि पहला जीव तो आकाशगंगा की किसी ऐसी घटना का परिणाम है जिसके रहस्य तक अभी पहुंचना शेष है. देवी भागवत पुराण और अन्य शास्त्रों में भी कहा गया है कि ब्रह्मा, विष्णु महेश तीनों आदिशक्तियां किसी एक परमतत्व से प्रकट हुए जिसे कहीं विराटपुरुष, कहीं नादतत्व, कहीं ब्रह्मतत्व का नाम दिया जाता है.

परंतु ये तत्व भी कहीं से जन्मे जो संसार की सभी शक्तियों के अंश से घनीभूत हुआ था. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से आगे विज्ञान स्वीकार करने को तैयार नहीं था लेकिन पिछले तीन दशक में वह भी मानने लगा है कि नहीं इसके ऊपर भी एक तत्व है जिसमें सभी के गुण मौजूद हैं- बोरॉन.

दुनियाभर के वैज्ञानिकों की टीम इसकी खोज के लिए लगी है हालांकि अब तक सफलता नहीं मिली है. आप अखबारों में और टीवी में लगातार इसके बारे में पढ़ रहे होंगे.

सनातन शास्त्रों ने तो कब से कह रखा है कि एक तत्व है जो सबमें समाया है और जिसमें सब समाए हैं- मातृतत्व यानी जगदंबा.

शास्त्रों पर गर्व करिए. विज्ञान को अभी बहुत लंबा सफर तय करना है सनातन शास्त्रों के रहस्य समझने में. हमारे ऋषि-मुनि वैज्ञानिक या उनसे भी कहीं आगे के जीव थे.

प्रभु शरणम् अभियान मैंने शुरू ही इसलिए किया है. शास्त्रों के पीछे के विज्ञान की व्याख्या करके आपको हिंदू होने का गर्व दिन-प्रतिदिन बढ़ाने के लिए. अभी तो कथाएं दे रहा हूं ज्यादातर ताकि लोगों की रूचि बननी शुरू हो. ज्ञान-विज्ञान और सनातन के बीच की कड़ी को भी जल्दी ही स्थापित करेंगे.

तो आज मैं आपको एक पौराणिक कथा सुना रहा हूं. शिवजी अर्धनारीश्वर हैं. आपने बार-बार यह सुना होगा. उनके अर्धनारीश्वर स्वरूप की उपासना की होगी पर अर्धनारीश्वर क्या है? आधी नारी आधा पुरुष- ये क्या बला है!

क्या मैं किन्नरों की बात कर रहा हूं? नहीं, बिल्कुल नहीं. मैं आपको आज के विज्ञान के आइने में सनातन के ग्रंथों को झांकने के लिए प्रेरित कर रहा हूं.

विज्ञान कहता है कि हर जीव में पुरुष और स्त्री दोनों के लक्षण साथ-साथ होते हैं. जो लक्षण हावी होता है जीव में उसी के अऩुरूप विकास होता है. यानी एक पुरुष में एक स्त्री रहती है और एक स्त्री में पुरुष.

यह विज्ञान कह रहा है, मेरी कोरी कल्पना नहीं है. इसका प्रमाण यह है कि तभी तो किसी भी स्त्री को सेक्स परिवर्तन करके पुरुष बना दिया जाता है और पुरुष को स्त्री. अब तो ये कमाल छोटे-छोटे शहरों में भी होने लगा है. आपने सुना भी होगा.

यह बात जो आज कही जा रही है वह बात न जाने कितने युगों पूर्व हमारे शास्त्रों में आ गई थी. जब भी कोई सनातनी यह प्रसंग छेड़ता था उसकी खिल्ली उड़ा दी जाती थी. अभी भी होता है क्योंकि उसके पास अपनी बात को साबित करने वाले तर्क नहीं होते थे.

आशा है ऊपर के तर्क आपको समझ में आए होंगे. आपको खुशी हुई होगी. यही तो मैं कह रहा हूं कि प्रभु शरणम् इसीलिए बनाया है ताकि आपको सनातन पर गर्व हो, डर नहीं. ये नहीं किया तो वो हो जाएगा, वह नहीं किया तो वो हो जाएगा.

ये पांच काम, वो सात काम बदल देंगे जीवन से आगे निकलिए. वैज्ञानिक धर्म में पैदा हुए हैं आप फिर आप कैसे कर सकते हैं ऐसी बातें. आपका बेटा मूर्खतापूर्ण बात करके उपहास का पात्र बने तो आपको कष्ट होता है न! उसी तरह आपके इस तरह कार्यों से हमारे पूर्वजों ऋषि-मुनियों को कष्ट होता है.

हम तो दुष्ट मृतात्माओं तक का सम्मान करने वाले लोग हैं- फिर अपने पूर्वजों का अपमान कैसे कर रहे हैं. प्रभु शरणम् से जुड़िए. धर्म का वास्तिवक मर्म क्या है, उसकी वैज्ञानिकता किस तरह है इसकी चर्चा होती है.

आप एक बार स्वयं आजमाइए- एप्प का लिंक ऊपर में है और इस पोस्ट के अंत में भी. आशा है आप हमारे इस प्रयास को एक बार देखेंगे जरूर.

अब उस कथा को भी सुन लेते हैं जहां से इतनी बात निकली. जो कथा इस गर्व की तह में ले जाती है उसे तो पढ़ना ही चाहिए, गर्व बढ़ेगा.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

1 COMMENT

  1. सनातन की सेवा में एक बेहतरीन एप

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