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हाँ प्रभु. मुझे याद है. आप उस अलौकिक ज्ञान को देते-देते मुझे वेदों का सार बताने वाले थे पर बताते-बताते आप चुप रह गए थे, न जाने क्यों- अर्जुन ने विस्मित होकर कहा.
कृष्ण ने आकाश की और देखा. अब चाँद पूरी तरह छिप चुका था.
फिर अर्जुन के कंधे पर हाथ रखकर बोले- “ मेरे सखा! मेरे भाई! मेरे शिष्य अर्जुन! राधानाम ही सब वेदों का सार है. श्रीराधे की कृपा से ये जान लेने के बाद और कुछ जानने को शेष नहीं रह जाता.
बस राधे ही एक मात्र जानने योग्य हैं. उसके बिना मेरा नाम ही पूरा नहीं फिर मैं और मेरे द्वारा कही गई बातें भी कैसे पूरी होंगी!
राधा नाम जपने मात्र से ही मनुष्य सब वेदों का पार पा लेता है और इस प्रकार गीता के पूर्ण ज्ञान को पाकर अर्जुन समाधि के योग्य हुए.
राधे. सब वेदों का सार!!!. जपे जा राधे राधे.
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