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जीवन के लिए आवश्यक बताए गए सोलह संस्कारों में से एक है विवाह। सृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए इस संस्कार का बड़ा योगदान है इसीलिए शास्त्रों में विवाह के विषय पर बहुत विस्तृत चर्चा मिलती है। ज्योतिषशास्त्र में विवाह के संदर्भ में विस्तार से और प्रामाणिक वर्णन मिलता है। ज्योतिष का ही एक सहयोगी अंग है हस्तरेखा विज्ञान। हस्तरेखा विज्ञान में उन विषयों के बारे में बताया गया है जो प्रश्न विवाह को लेकर किसी युवक या युवती के मन में सहज ही उठते हैं।

हमारी हथेली में होती है विवाह रेखा। उसी रेखा को आधार बनाकर हस्तरेखा विज्ञान में किसी जातक के विवाह के साथ-साथ प्रेम-प्रसंग से जुड़ी सारी बातों का विश्लेषण करता है। आज हम जानेंगे कि क्या कहती हैं हथेली की ये विवाह रेखाएं.

विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी खास बातें जानने के लिए हस्तरेखा ज्योतिष श्रेष्ठ मार्ग है। विवाह संबंधी बातें जानने के लिए हथेली में विवाह रेखा का अध्ययन मुख्य रूप से किया जाता है। यहां जानिए विवाह रेखा से जुड़ी खास बातें…

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कहां होती है विवाह रेखा

हमारी हथेली में थोड़े-थोड़े समय में कई रेखाएं बदलती रहती हैं जबकि कुछ खास रेखाएं ऐसी हैं, जिनमें अधिक बड़े बदलाव नहीं होते हैं।

इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह और संतान रेखाएं शामिल हैं।

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हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार विवाह रेखा से किसी भी व्यक्ति के विवाह और प्रेम प्रसंग पर विचार किया जाता है। विवाह रेखा सबसे छोटी उंगली (लिटिल फिंगर) के नीचे वाले भाग पर आड़ी स्थिति में होती है।

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