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संतान रेखा: यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध क्षेत्र कहते हैं।) पर खड़ी रेखा के रूप में रहती है. यह रेखा एक से अधिक भी हो सकती है. इस रेखा से मालूम होता है कि व्यक्ति की कितनी संतान होंगी.

संतान रेखा से यह भी मालूम हो जाता है कि व्यक्ति को संतान के रूप में कितनी लड़कियां और कितने लड़के प्राप्त होंगे.

इस रेखा का अध्ययन बड़ी ही गहनता से किया जाना चाहिए, क्योंकि ये रेखाएं बहुत ही सूक्ष्म होती हैं.

गहरी संतान रेखा पुत्र प्राप्ति की ओर इशारा करती है, जबकि हल्की संतान रेखाएं पुत्री प्राप्ति की ओर इशारा करती है. ध्यान रखें यहां बताई गई बातें सिर्फ विवाह रेखा के आधार पर बताई गई हैं.

अन्य रेखाओं के प्रभाव से विवाह रेखा का फलादेश बदल भी सकता है. दोनों हाथों की सभी रेखाओं और हाथों की बनावट की गहनता से अध्ययन करने पर सटीक जानकारी मिल सकती है. विशेष जानकारी के लिए फ्री प्रभु शरणम् ऐप्पस डाउनलोड कर लें. उसका लिंक नीचे है. आपको काम की सारी जानकारियां वहां मिल जाएंगी, एक बार देखिए तो सही.

प्रस्तुतिः डॉ निश्चल नलिन, ज्योतिषाचार्य

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