जगदजननी के वियोग में जगद्पिता विह्वल हो उठे। लेकिन माता पार्वती नहीं लौटीं, क्योंकि वे एक मछुवारे की पुत्री के रूप में धरती में जन्म ले चुकी थी. भगवान शिव पार्वती को न पाकर विचलित हुए परन्तु उसी समय नारद जी उनके सामने प्रकट हुए तथा उन्हें दिलासा दिया।
उधर मृत्युलोक में माता पार्वती विवाह के योग्य हुई तो भगवान शिव ने अपने गण नंदी को धरती पर भेजा.
[irp posts=”2543″ name=”शिव का कृष्णदर्शन अवतारः मनुपुत्र नभग की परीक्षा ली महादेव के कृष्णदर्शन अवतार ने और नभग को धन व ज्ञान से किया परिपूर्ण”]
शेष अगले पेज पर, नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें-