क्या ज्योतिष से भाग्य बदल सकता है? एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर सभी खोजते हैं. इसके उत्तर की खोज अंततः निराशा या फिर प्राचीन ज्योतिष विज्ञान के प्रति अविश्वास की ओर ले जाती है. जी, मैंने ज्योतिष विज्ञान लिखा. ज्योतिष विज्ञान ही है. हर विज्ञान की एक सीमा होती है. उतनी सीमाओं के बीच ज्योतिष पूरा खरा है.

यह बात मैं ज्योतिषी नहीं होने के बावजूद कह रहा हूं. कारण, मेरे जीवन में बहुत कुछ ऐसा घटा है जिसका इशारा ज्योतिष विज्ञानियों ने पहले ही दे दिया था.

आप पोस्ट को अंत तक पढ़िएगा क्योंकि यह जानना जरूरी है कि ज्योतिषशास्त्र क्या सचमुच किस्मत बदल सकता है? यह कहां तक सत्य सिद्ध होता है और कहां के आगे ज्योतिष के नाम पर ठगा जा रहा है? यह सब जानेंगे पर इसे अच्छे से समझने के लिए पहले एक छोटी सी कथा जो इसी विषय पर प्रकाश डालती है.

 

[sc:fb]

एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था. मैं राजा बना किन्तु उसी मुहूर्त में अनेक लोगों ने जन्म लिया होगा, जो राजा नहीं बन सके. ज्योतिषशास्त्र तो जन्म के समय स्थान, मुहूर्त, नक्षण आदि के आधार पर गणना करता है. फिर मेरे जैसे जन्म योग के साथ और भी लोग जन्मे होंगे वे राजा नहीं बने. ऐसा क्यों?

राजा ने प्रश्न ही ऐसा किया था कि सारे विद्वान सोचने के विवश हो गए. एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके भाग्य अलग अलग क्यों हैं इस प्रश्न का उत्तर किसी के पास था ही नहीं.

सर्वश्रेष्ठ हिंदू ऐप्प प्रभु शरणम् को एक बार देखें जरूर.

Android ऐप्प के लिए यहां क्लिक करें


लिंक काम न करता हो तो प्लेस्टोर में सर्च करें-PRABHU SHARNAM

राजा ने सबके उतरे चेहरे देखे. एक-एक करके सबको देखता रहा. सबके चेहरे पर एक से लक्षण- क्षमा का भाव.

अचानक एक वृद्ध खड़े हुए और बोले- महाराज ऐसा नहीं है कि आपके इस प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे सकता. एक महात्मा मैं जानता हूं वह इसका उत्तर अवश्य दे सकते हैं पर वे यहां से दूर वन में रहते हैं. आपको उत्तर चाहिए तो थोड़ा श्रम करना होगा.

राजा की जिज्ञासा बढ़ी. उसने तय किया कि अब तो वह इसका उत्तर जानकर रहेगा.

[irp posts=”6210″ name=”दूसरों की ये वस्तुएं आपको चुपके से दरिद्र बनाती हैं”]

पता पूछकर वह जंगल पहुंचा तो देखा एक महात्मा आग के ढेर के पास बैठे लकड़ी का जलता कोयला खाने में व्यस्त हैं. यह देखकर राजा थोड़ा सहम गया. हिम्मत जुटाकर राजा ने जैसे ही महात्मा जी से बात करने की कोशिश की वह ऊंचे स्वर में चिल्लाने लगे.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

2 COMMENTS

  1. Karma n reincarnation at play in life. Totally agree that a good Astrologer can forward you. This may help you to cushion the blow.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here