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शिवपुराण के अनुसार पार्वतीजी को रुद्राक्ष के प्रकारों के बारे में बतलाते हुए शिवजी कहते हैं- देवी रूद्राक्ष में बड़ी शक्ति है. यह पापियों के पाप को नष्ट करने का सामर्थ्य रखता है. इसे धारण करने से न सिर्फ मनुष्य के पाप कटते हैं बल्कि वह मेरा प्रिय भी हो जाता है. अब मैं आपको किस रूद्राक्ष को धारण करते समय किस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए इसके विषय में बताता हूं.

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसकी पूजा, उसका अभिषेक करना चाहिए. 108 बेलपत्र या कम से कम 11 बेलपत्र लेकर उस पर चंदन से ऊँ नमः शिवाय मंत्र लिखें. रूद्राक्ष को गंगाजल में डूबो लें. शिवलिंग पर जल, कच्चादूध एवं बेलपत्र अर्पित करें. फिर रूद्राक्ष का शिवलिंग से स्पर्श कराएं. उसे धूप-दीप आदि दिखाएं और फिर नीचे दिए गए मंत्रों से उसका 108 बार जप कर लें.
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रुद्राक्ष माला धारण के नियमः
  • रुद्राक्ष धारण करके मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज, सहजन, आदि पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए. जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उन्हें सुबह-शाम शिवजी का ध्यान करना चाहिए एवं ऊँ नमः शिवाय मंत्र की एक माला अवश्य जपनी चाहिए.
  • स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान रूद्राक्ष निकालकर रख देना चाहिए.
  • जिस रुद्राक्ष माला से जप करते हों उसे धारण करने से बचना चाहिए. जिस माला को धारण करते हों उससे जप करने से बचें.
  • किसी और व्यक्ति के द्वारा पहले धारण किए गए रुद्राक्ष अथवा रुद्राक्ष माला को धारण नहीं करना चाहिए.
  • प्राण-प्रतिष्ठा करवाने के पश्चात उसे शुभ मुहूर्त में ही धारण करें.
  • रुद्राक्ष धारण कर शयन नहीं करना चाहिए. रात को सोते समय निकालकर रख दें.
  • रुद्राक्ष को हाथ की कलाई, गला और हृदय पर धारण किया जा सकता है. कुछ शास्त्रों में संन्यासियों द्वारा कमर पर भी धारण करने की बात कही गई है.
  • कलाई में 12 दाने, गले के चारों ओर 36 दाने और ह्रदयस्थल को छूने वाली माला में 108 रुद्राक्ष दानें श्रेष्ठ माने गए हैं.
  • रूद्राक्ष माला को लाल धागे में गूथा जाना चाहिए.

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रूद्राक्ष धारण करने के मंत्रः
  • एकमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं नमः
  • द्विमुखी के लिए- ऊँ नमः
  • त्रिमुखी के लिए- ऊँ क्लीं नमः
  • चतुर्मुखी के लिए- ऊँ ह्रीं नमः
  • पंचमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं नमः
  • षड्मुखी के लिए- ऊँ ह्रीं हुं नमः
  • सप्तमुखी के लिए- ऊँ हुं नमः
  • अष्टमुखी के लिए- ऊँ हुं नमः
  • नवमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं हुं नमः
  • दशमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं नमः
  • एकादशमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं हुं नमः
  • द्वादश मुखी के लिए- ऊँ क्रौं क्षौं रौं नमः
  • त्रयोदशमुखी के लिए- ऊँ ह्रीं नमः
  • चतुर्दशमुखी के लिए- ऊँ नमः

रुद्राक्ष धारण के लाभ जिन्हें जानकर चौंक जाएंगे आप…

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2 COMMENTS

  1. जय श्री राम ॐ नमः शिवाय
    महाशय प्रभु शरणम् मै फ़ोन पे इनस्टॉल कर रखा हु आप का धर्म के परती जागरूकता फैलाना एक सराहनीय कदम है मै आप के इस कदम को नमन करता हु
    मै इसे लैपटॉप पे इनस्टॉल करना चाहता हु क्या हो जायेगा .

    • प्रशंसा के लिए आभार. लैपटॉप पर नहीं होगा. मोबाइल में या टैब में होगा

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