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बेलपत्र पर हल्दी अथवा पीले चंदन से ऊं लिख लेना श्रेयष्कर होता है. इसके बाद शिवालय में ही रूद्राक्ष की एक माला से ऊं नमः शिवाय का जप कर लें. महादेव तो इतने पर भी प्रसन्न हो जाते हैं. वह भाव देखते हैं, मंत्र आदि तो भाव के आगे गौण हो जाते हैं.
संभव हो तो शिवमंदिर में बैठकर पंक्षाक्षर मंत्र और रूद्राष्टकम का एक-एक पाठ कर लें. समय 5 मिनट से ज्यादा नहीं लगेगा. शिवजी का ध्यान करने और माला जप के लिए रूद्राक्ष की माला प्रयोग करें तो श्रेष्ठ होता है.
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