तिलक लगाने का मंत्र

केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।

किसी के माथे पर तिलक लगा देखकर मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर इससे क्या लाभ है? टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है।
आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थिति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए.

तिलक लगाने का लाभः

तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है।

इसके पीछे धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं। बहुत से विधर्मी तिलक लगाने पर हंसते हैं, उन्हें सही उत्तर देने के लिए हमें तिलक लगाने के पीछे के वैज्ञानिक कारण को जानना आवश्यक है।

नाड़ी विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर में सात सूक्ष्म ऊर्जा केंद्र होते हैं, जो अपार शक्ति के भंडार हैं। इन्हें चक्र कहा जाता है।

मस्तक पर भौंहे के बीच में जहां तिलक लगाते हैं, वहीं हमारा आज्ञाचक्र स्थित होता है। यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं। ये तीनों नाडि़यां इतनी महत्वपूर्ण हैं कि इनके मिलन स्थल की तुलना त्रिवेणी या संगम से की जाती है। आज्ञाचक्र त्रिवेणी कहलाता है।

यह गुरु स्थान है। यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है। यही हमारी चेतना का मुख्य स्थान भी है। इसी कारण शरीर में यह स्थान सबसे अधिक पूजनीय है। इसलिए जब हम तिलक लगाकर रखते हैं तो आज्ञाचक्र सक्रिय रहता है। आप खुद महसूस करें कि जब आप तिलक लगाए रखते हैं तो महसूस होता है कि तिलक के स्थान पर कुछ दबाव है। जब तिलक नहीं लगाते तो ऐसा अनुभव नहीं होता।

तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर वृद्धि होती है।

स्त्रियां बिंदी लगाने में ऐसा अनुभव कर सकती हैं।

ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.

दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है

इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है.

हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रिवयल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.

माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.

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1 COMMENT

  1. शिखा रखने के धार्मिक महत्व को भी बताये , राम राम जी

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