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इसलिए साढ़े साती का आना और जाना दोनों एक संकेत हैं. कर्म कैसे करेंगे यह आप पर हैं, फल क्या मिलेगा वह शनि तय करेंगे. इसलिए जाते समय वह आपको स्मरण कराकर जाते हैं कि यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो दंड और कड़ा मिलेगा.

खैर, आज शनिदेव को प्रसन्न करने का दिवस है. उन्हें प्रसन्न करने के कई सरल उपाय हैं. जैसे काली वस्तुएं दान करना, पीपल के नीचे दीपक जलाना और शनि आराधना करना. आज शनिदेव की महिमा सुनें और दूसरों को भी सुनानी चाहिए.

हम आज आपको बताते हैं सरल उपाय-

कोई भी काला वस्त्र धारण कर लें. पीपल के वृक्ष को प्रणाम करें. तेल या लोहा दान कर सकते हैं. कुछ नहीं तो कम से कम सिक्का ही दान कर दें.

महाराज दशरथ ने शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिस्तोत्र रचा था. उसका कम से कम 11 बार पाठ करें. यह आपके एप्प में है.

साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव वाले लोगों को आज मंदिर अवश्य जाना है. वहां पर पीपल वृक्ष के पास या शनिप्रतिमा के सामने 108 बार “ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:” मंत्र का जाप करना चाहिए.

संभव हो तो सरसो का तेल, उडद, काले तिल, कुलथी, गुड, शनिदेव पर अर्पित कर दें. नहीं भी कर पा रहे हैं तो शनिदेव का ध्यान करके शनिमंत्र तो जप ही लें.

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