आप सभी Maa Durga Laxmi Sharnam एप्पस जरूर डाउनलोड कर लें. नवरात्रों में माता की आराधना में आपको बहुत सहायता मिलेगी. प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें या यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करें. विनती है कि कृपया एप्प की रेटिंग जरूर कर दें.
पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
[sc:fb]
पहले भाग में आपने पढा कि देवी भक्तों को परेशान करने वाला भैरव नाथ किस तरह महामाया की माया में पड़ कर बुरी नीयत से उनके पीछे पड़ा मां हुईं अंतर्धान तो उसने किया पीछा …..अब आगे दूसरा भाग
भगवती कटरा के हंसाली गांव से चलीं तो कुछ दूर जा कर भगवती के वाहन शेर को प्यास लगी, भगवती को भी नहाने की इच्छा हुई. पर आसपास कहीं पानी ही न था. उन्होंने अपने धनुष से बाण चलाकर, पृथ्वी को भेद दिया और पानी का सोता फूट पड़ा.
शेर ने पानी पिया और मां ने अपने बाल धो कर स्नान किया. बाद में यह जगह बाण गंगा और बाल गंगा के नाम से मशहूर हो गई.
यह जगह पहाड़ी की शुरुआत है इसलिये नीची है, जब भगवती का शेर पानी पी रहा था, तो पीछे से आते हुए भैरवनाथ ने उसे उंचाई और दूर से ही देख लिया, पर जब तक भैरवनाथ उस स्थान पर पहुंचता, मां बहुत शीघ्रता के साथ वहाँ से चल पड़ीं.
मां जगदंबा ने जब यह देखा कि भैरव समीप आ चुका है तो वे जल्दी से पर्वत पर चढ गयी. जल्दबाजी में उनकी पादुका यानी खड़ाऊं वहीं नीचे ही रह गयी. इस स्थान को बाद में चरण पादुका कहा गया. पहाड़ पर चढने के बाद मां उस ऊंचाई पर पहुंची जिसे आदिकुमारी कहा गया. यहां मां कुछ समय के लिये ठहरीं.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.