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एक किसान को विरासत में खूब संपत्ति मिली थी. इस धन-संपत्ति ने उसे आलसी बना दिया. वह दिनभर चापलूसों से घिरा उनके साथ गप्पें हांकता. जिंदगी पूरी ऐश-मौज में कट रही थी.
इस लापरवाही का नौकर-चाकर, सगे-संबंधी सभी नाजायज फाय़दा उठा रहे थे. जिसको जहां मौका लगता, किसान की संपत्ति लूटने में लगा रहता.

एक बार किसान का एक पुराना दोस्त उससे मिलने उसके गांव आया. दो दिन में ही दोस्त को घर में मची लूट-खसोट का पता चल गया. उसने किसान को समझाने की कोशिश भी की लेकिन उसने अनसुना कर दिया.

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