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मैं आपके फिर कहता हूं कि पुराणों में जो लिखा है, उसे चुनौती देने का सामर्थ्य मुझमें नहीं है. पुराण महर्षि वेद व्यास जी द्वारा रचित हैं. क्या सत्य, क्या असत्य मैं इसमें पड़ना व्यर्थ मानता हूं.
प्रभु शरणम् का उद्देश्य है धर्मग्रंथों को सहज और सरल रूप से आपके सामने कथाओं के रूप में प्रस्तुत करना ताकि रोचकता के साथ हम ग्रंथों से जुड़े रहें. मानो तो देव न तो पत्थर. भक्ति में शंका का स्थान नहीं होता.
किसी शुभकार्य का आरंभ प्रथमपूज्य गणेशजी का नाम लेकर उनके आशीर्वाद से करना चाहिए. इसलिए भक्तचरित शृंखला का आरंभ भगवान गणपति का स्मरण करते हुए कर रहे हैं.
इस शृंखला में कथाओं के संकलन का भार रंजना श्रीवास्तवजी ने अपने ऊपर लिया है. रंजनाजी शिक्षिका हैं और धर्म के विषय पर लंबे समय से लेखन कार्य कर रही हैं. प्रभु शरणम् उनका आभारी है. प्रभु हमें मार्ग दिखाएं.
राजन प्रकाश
प्रभु शरणम्
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