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वेदशर्मा तत्काल उस युवती के घर पहुंचा और बताया कि किस तरह उसके पिता उसके प्रेम में हैं. पिता की प्रसन्नता के लिए वह उनसे विवाह कर ले. युवती बहुत नाराज हुई और उसने वेद को फटकारा.

युवती ने कहा- तुम्हारा पिता बुजुर्ग है. दिनभर खांसता रहता है. आयु कितनी शेष है? तुम नौजवान और खूबसूरत हो. तुम अपने पिता की बात छोड़ो, तुम ही मेरे साथ विवाह क्यों नहीं कर लेते!

वेद ने कहा- मेरे मन में आप मेरी मां जैसी हैं. ऐसी अधार्मिक बातें न कहें. हाथ जोड़ता हूं मेरे पिता से विवाह कर लें. वेद ने युवती को बहुत मनाया पर वह न मानी.

आखिर वेद ने कहा- आप मेरी बात मान जाएं. इसके लिए मैं आपके लिए कुछ भी करने को तैयार हूं.

वेद की बात सुनकर स्त्री ने कहा- मेरा मन तो उस खूसट के साथ विवाह कर रहने का नहीं कहता पर मैं तुम्हारे देने की क्षमता का परख के बाद ही निर्णय करुंगी. तुम मुझे इंद्र सहित सभी देवताओं का दर्शन करा दो तो सोचती हूं.

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