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आप शिवजी के भक्त हैं? आपको शिवजी से जुड़ी जानकारियों की ललक है, शिव महिमा को जानने-समझने की लालसा है? शिवजी की विधिवत पूजा कैसे होती है, अभिषेक के नियम क्या हैं. प्रदोष कैसे करना चाहिए, किस मंत्र से शिवजी को प्रसन्न करना चाहिए. मंत्र जप की विधि क्या है आदि आदि.. ये सारी जानकारी महादेव शिव शंभू एप्प में. इसमें आप संक्षिप्त और सरल रूप में शिवपुराण भी पढ़ सकते हैं. स्वयं आजमाकर देखें.

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भक्त के प्रति अनुराग की एक कथा भोलेनाथ की आपको सुनाता हूं. भक्त के स्नेह में ऐसे मतवाले हो गए महारुद्र कि अपनी अर्द्धांग पार्वती, अपना शिवलोक, पुत्रों सहित सभी गणों को छोड़कर भक्त की चाकरी करने पहुंच गए.

जिस सदाशिव के आदेश बिना सृष्टि में एक पत्ता भी नहीं खड़कता वह देवों के देव महादेव जंगल से लकड़ियां काटते थे, कुएं से पानी भरते थे, गायें चराते थे, यहां तक कि मालिक के पैर भी दबाते थे, वह सब करते जो एक चाकर मालिक के लिए करता है.

यह था भक्ति का असर, जिसने महादेव को मर्त्यलोक के एक मामूली से इंसान का नौकर बना दिया था और भक्ति के इस शीर्ष को छुआ था संत विद्यापति ने, जिनकी कविता और शिवभक्ति में इतना ओज था कि सदाशिव उनसे दूर नहीं रह पाए.

साहित्य में महाकवि के नाम से विख्यात विद्यापति के लिए पूरा संसार शिवमय था.

विद्यापति शिवजी के लिए भक्ति से भरी रचनाएं करते और उनको भरपूर कंठ से गाते तो भोलेनाथ विभोर हो जाते. महादेव ने सोचा कैलास से जब इतना आनंद आता है तो अगर भक्त के समीप भक्ति का कितना आनंद आएगा.

यही सोचकर महादेव ने मानव रूप धारण किया और पहुंच गए विद्यापति के पास और कहा मुझे नौकरी दे दो अपने पास. विद्यापति जी तरंग में थे.

विद्यापति बोले- अरे भाई यहां तो भक्ति के सिवा कुछ है ही नहीं, संपत्ति का कोई ठिकाना नहीं है. अपना ही गुजारा भोलेनाथ के आसरे रहता है, तुम्हें तनख्वाह कहां से दूंगा?

अब समस्त संसार की संपत्तियों के स्वामी को तनख्वाह से क्या लेना! उन्होंने जवाब दिया- मैं बस दो वक्त के भोजन पर काम करने के लिए तैयार हूं. अब तो रख लो मुझे चाकर.

विद्यापति क्या जवाब दें, सोच ही रहे थे कि जैसे भोलेनाथ हमारा पेट भर देते हैं इस गरीब का भी प्रबंध कर देंगे तभी पंडितानी ने चाकर बने शिवजी और अपने पति के बीच हुई सारी बात सुन ली.

पंडितानी ने सोचा- ऐसा सस्ता नौकर कहां मिलने वाला जो वेतन मांगता ही नहीं और सारा काम करने को तैयार है. बाहर आई और कहा- तुम्हें दो समय का खाना मिल जाएगा, घर के काम में मेरी सहायता करो. शिवजी को नौकरी पर रख लिया गया.

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