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राजा बलि अब सावर्ण्य मन्वंतर में इंद्र होंगे. वहां सुतल लोक का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा करेंगे. मेरे प्रिय भक्त बलि वहीं रहेंगे.
राजा बलि तुम अपने परिवार सहित सुतल लोक में निवास करो. मैं तुम्हारी रक्षा करुंगा और स्वयं दुर्गपाल बनकर वहां उपस्थित रहूंगा. बलि गदगद हो गए.
बलि बोले- प्रभु बड़े-बड़े भक्तों को भी जो दुर्लभ है, आपने वह मुझे दिया. बलि सुतल लोक चले गए. प्रभु ने प्रहलाद से कहा- तुम बलि के पास सुतल लोक जाओ. वहां रोज मेरे दर्शन होंगे.
यज्ञ अधूरा रह गया था. इसलिए वामन भगवान ने शुक्राचार्य को यज्ञ पूर्ण करने का आदेश दिया. स्वर्ग और तीनों लोकों का राज्य अपने भाई इंद्र को सौंपकर स्वयं उपेन्द का पद ग्रहण किया.
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