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इस दरवाजे को भी अच्छे से बंद करके बैठ जाइए तभी पूरी तरह सुरक्षित होंगे. राजा उस तंज का अर्थ समझ गया. उसने क्षमा मांगी.

संन्यासी ने कहा- वही राजा सुरक्षित है जिसके लिए प्रजा प्राण त्यागने में संकोच न करे. मृत्यु का प्रवेश दरवाजे-खिड़कियों से नहीं रोका जा सकता. मृत्यु का प्रवेश रोका जा सकता है मन से मृत्यु का भय मिटाकर.

राजा ने संन्यासी को वचन दिया कि वह प्रजा के कष्ट को समझकर अपनी भूल सुधारेगा. उस महल को कारागार बना दिया गया.
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