हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]

उसने मंत्री को कहा- अरे! बस इतनी सी बात है. आप इसके लिए इतने परेशान हैं. इसका निर्णय तो मैं भी कर सकती हूं.

मंत्री ने कहा- तुम हंसी ठठ्ठा न करो. यह अवसर विनोद का नहीं है. वह व्यापारी कई राज्यों में होकर आया है और कोई उसके प्रश्न का उत्तर नहीं दे सका. यदि कोई राह सुझा सको तो सुझाओ.

मंत्री की पत्नी ने कहा- आप चिंता न करें. मैं कोई राह नहीं सुझाउंगी ब्लकि स्वयं निदान करूंगी. कल आप मुझे दोनों गायें दिखा दें, मैं तुरंत निर्णय कर दूंगी.

मंत्री के पास कोई राह तो सूूझ रही नहीं थी इसलिए उसने सोचा कि चलो यह भी आजमा लिया जाए. अगले दिन मंत्री अपनी पत्नी को वहाँ ले गया जहाँ गायें बंधी थीं.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here