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श्रीविष्णु बोले- हे नारद! मां जगदंबे को रविवार को खीर और सोमवार को दूध चढाने का विधान है.

मंगलवार को केला चढाने से मां बहुत खुश होती हैं. इसी तरह बुधवार के दिन ताजे मक्खन का भोग उनको प्रिय है.

माता को यदि वृहस्पतिवार को खांड और शुक्रवार को चीनी अर्पित की जाये तो उत्तम है. शनिवार को गाय का घी चढाना चाहिए.

नारदजी ने पूछा- हे भगवन क्या विभिन्न मास और नक्षत्रों के अनुसार भी विशेष प्रसाद चढ़ाने का विधान है.

माता आदिशक्ति को वैशाख मास में गुड़ से बना भोग लगाना चाहिए,

जेठ महीने में शहद से भरा भोग लगाएं.

आषाढ में महुये के रस में भीगा हुआ भोग लगाना चाहिए.

सावन में दही तथा भाद्रपद में चीनी मिला भोग अच्छा फल देने वाला है.

आश्विन में खीर तो कार्तिक में दूध का भोग.

मार्गशीर्ष या अगहन में फेनी, पूस में दही में मिले उबले चावल चढ़ाएं.

माघ में गाय का घी और फागुन में नारियल का भोग लगाना उत्तम है.

इसके बाद नारदजी ने पूजा माता को कौन से वृक्ष प्रिय हैं. किन वृक्षों में उनका वास मानना चाहिए.
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2 COMMENTS

    • आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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