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हनुमद आराधना में रखी जाने वाली कुछ सामान्य सावधानियां–
- – हनुमानजी की साधना अवधि में और व्रत में संयम की परम अवश्यकता है. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन होना चाहिए.
- – हनुमानजी को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद शुद्ध होना चाहिए. उसमें घी का प्रयोग सबसे उत्तम बताया गया है.
- – हनुमानजी की पूजा में यदि दीपक जला रहे हैं तो घी के दीपक की ही प्रयोग करें.
- – हनुमानजी को लाल फूल प्रिय हैं. अत: उन्हें लाल फूल विशेष रूप से चढ़ाएं.
- – हनुमानजी की मूर्ति को जल व पंचामृत से स्नान कराने के बाद सिंदूर में तिल का तेल मिलाकर उसका लेप करना चाहिए. इससे हनुमानजी प्रसन्न होते हैं.
- – हनुमान साधना हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही शुरू करना चाहिए.
- – स्त्रियां हनुमानजी को वस्त्र न अर्पित करें. वे ज्यादा से ज्यादा जनेऊ उन्हें अर्पित कर सकती हैं.
- – हनुमानजी की पूजा आरंभ करने से पूर्व श्रीरामजी की स्तुति जरूर कर लें. श्रीरामरक्षा स्तोत्र या श्रीरामस्तुति पाठ कर लें अथवा निम्न मंत्र पढ़ेः
यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं तत्र तत्र कृत मस्तककांजलिम्।
वाष्प वारि परिपूर्णलोचनं मारूति नमत राक्षसान्तकम्।।
यदि यह स्तुति भी स्मरण न हों तो “ऊं राम रामाय नमः” का ही जप कर लें.
हनुमानजी का कोई विशेष अनुष्ठान मंगलवार और शनिवार को आरंभ करें तो सबसे उत्तम फलदायी होगा. यदि किसी कारण से कोई भी पूजा नहीं कर पाते तो पावित्रीकरण मंत्र के स्मरण से पवित्र होने के बाद हनुमान चालीसा का ही पाठ कर लें तो भी हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है. पावित्रीकरण मंत्र और हनुमान चालीसा दोनों एप्प में मौजूद है.
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