Lord Vishnu
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भगवान विष्णु ने धर्म और रुचि को वरदान दिया था कि वह उनके घर में अपने अंश रूप में आएंगे. धर्म और रूचि के घर में नर और नारायण के रूप में अवतार हुआ. दोनों जन्म से तपस्वी थे.

जन्म के उपरांत वे बद्रिकाश्रम में तप करने के लिए चले गए. उनके तपोबल और तेज से वह क्षेत्र प्रकाशमान होने लगा. बहुत से ऋषि मुनियों उनके दर्शन और उपदेश ग्रहण करने को आने लगे.

इनके कठोर तप को देखकर देवराज इंद्र के मन में भय हुआ कि कहीं धर्म और रूचि की संतानें तप के द्वारा इंद्रासन को हथियाना तो नहीं चाहते. इस आशंका से ग्रस्त इंद्र ने नर-नारायण की तपस्या भंग करने का षडयंत्र रचा.

इंद्र ने अपने मित्र कामदेव और वसंत के साथ कई अप्सराओं को बद्रीक्षेत्र में भेजा. कामदेव औऱ बसंत ने अप्सराओं के साथ मिलकर भगवान नर नारायण का व्रत भंग करने की पूरी चेष्टा की. परंतु असफल रहे.

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