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एक नगर का सेठ अपार धन सम्पदा का स्वामी था. एक दिन उसे यह जानने की इच्छा हुई कि आखिर उसके पास कुल सम्पत्ति है कितने की. उसने तुरंत अपने मुनीम को उसकी संपत्ति का हिसाब लगाने का आदेश दिया.
सप्ताह भर बाद मुनीम ब्योरा लेकर सेठ के पास पहुंचा. सेठ ने पूछा- मेरी सम्पदा कुल है कितने की? मुनीम ने कहा– सेठजी, मोटे तौर पर कहूं तो आपकी सात पीढ़ी आराम से बैठकर खा सकती है.
मुनीम के जाने के बाद सेठ चिंता में डूब गया- बस सात पीढ़ी का इंतजाम है? तो क्या मेरी आठवीं पीढ़ी भूखों मरेगी?’ वह रात दिन चिंता में रहने लगा. आठवीं पीढ़ी की चिंता में सेठ की भूख भाग गई. भूख गई तो शरीर में कमजोरी आ गई.
कुछ ही दिनों में मोटा-तगड़े सेठ की पसलियां दिखाई देने लगीं. लोग बार-बार तनाव का कारण पूछते पर सेठ जवाब नहीं देता. सेठानी से पति की हालत देखी नहीं जा रही थी.
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