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एक राजा था. स्वभाव का बड़ा क्रोधी. उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे. कोई गलती करता तो राजा उसे कुत्तों के आगे डाल देता. मामूली गलतियों के लिए भी ऐसी भयंकर मौत की सजा देता था.
एक बार राजा के वर्षों पुराने भरोसेमंद एक मंत्री से कोई गलती हो गई. राजा ने उसे भी शिकारी कुत्तों के आगे फिंकवाने का हुक्म दे दिया. राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी.
मंत्री बोला- महाराज! मैंने आज्ञाकारी सेवक की तरह आपकी 10 सालों से सेवा की है. मैं चाहता हूं कि मुझे सजा देने से पहले 10 दिनों की मोहलत दी जाए. राजा मान गया.
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