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शाकुंतल ने महर्षि मुद्गल को अपनी यात्रा का विवरण विस्तार से सुनाया.

महर्षि ने उससे पूछा- तुमने अपनी यात्रा में सबसे अचरज या महत्व की बात क्या देखी?

शाकुंतल ने कहा- गुरुदेव! मैंने एक आश्चर्य देखा. धरती या पेड़ों पर रहने वाले, पानी या आकाश में विचरने वाले, सभी पशु पक्षियों को मैंने बिना बीमारी के निरोग जीवन जीते देखा.

उन्हें कहीं चोट लग जाए या वे घायल हो जाएं, यह अलग बात है, परंतु जुकाम, खांसी, बुखार जैसे सामान्य रोग भी उन्हें नहीं होते. श्वास, हृदय रोग, क्षय जैसे रोगों का तो कोई सवाल ही नहीं उठता. आखिर ऐसा कैसे?
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