शुक्रवार की रात को सवा-सवा किलो काले चने तीन अलग-अलग बर्तनों में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह स्नान-ध्यान आदि से निवृत्त होकर शनिदेव का पूजन करें। इसके बाद काले चने का सरसों के तेल में छौंक लगाकर शनिदेव को भोग लगाएं तथा अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें।

अब पहले बर्तन के सवा किलो चने भैंसे या भैंस को खिला दें।

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दूसरे बर्तन वाले सवा किलो चने कुष्ठरोगियों को दान कर दें तथा तीसरे बर्तन वाले सवा किलो चने किसी तालाब या नदी-नहर में मछलियों को खिला दें। इस उपाय से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भाग्य पर छाए संकट के बादल छंटते हैं। समय अनुकूल बनता है।

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