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।।श्रीविष्णुपञ्जर स्तोत्रम्।।

नमो नमस्ते गोविन्द चक्रं गृह्य सुदर्शनम्।
प्राच्यां रक्षस्व मां विष्णो त्वामहं शरणं गत:।।1

(हे गोविंद! आपको नमस्कार है. आप अपना सुदर्शन चक्र धारण करें और पूर्व दिशा से मुझ शरणागत की रक्षा करें.)

गदां कौमोदकीं गृह्य पद्मनाभामितेद्युते।
याम्यां रक्षस्व मां विष्णो त्वामहं शरणं गत:।।2

हे पद्ममाभ! अपने हाथों में कौमोदकी गदा धारण करें और मुझ शरणागत की दक्षिण दिशा से रक्षा करें.)

हलमादाय सौनन्दं नमस्ते पुरुषोत्तम।
प्रतीच्यां रक्ष मे विष्णो त्वामहं शरणं गत:।।3

हे पुरुषोत्तम! आपको नमस्कार है. हाथों में सौनन्द हल लेकर पश्चिम दिशा से मुझ शरणागत की रक्षा करें)

मुसलं शातनं गृह्य पुण्डरीकाक्ष रक्ष माम्।
उत्तरस्यां जगन्नाथ भवन्तं शरणं गत:।।4

हे पुण्डरीकाक्ष! आपको नमस्कार है. हाथों में शातन मुसल धारणकर जगन्नाथ आप उत्तर दिशा से मेरी रक्षा करें.

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1 COMMENT

  1. काफ़ी अच्छा लगा , यदि इसके साथ जप या पाठ करने की विधि भी होती तो बहुत अच्छा रहता। यदि हो सके तो बताइएगा।
    बहुत बहुत धन्यवाद

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