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पिता का यज्ञ पूरा हुआ या नहीं उन्होंने नहीं पूछा और वहीं राजा के सानिध्य में पूरे आराम और आनन्द से अपने अपने गुणों को और बढिया बनाने का प्रयास करते हुए रहने लगे.

इतना कहकर बेताल बने रुद्र किंकर ने पूछा-हे राजन! तुम बताओ, वे तीनों एक से बढ कर एक थे, यह राजा ने भी माना पर तीनों में सबसे जानकार और गुणी कौन था?

राजा विक्रमादित्य ने कहा- निश्चय ही किसी भी क्षेत्र में बारीकी का ज्ञान रखना अद्भुत बात है लेकिन मेरे विचार से तीनों में सबसे बढ़कर शैयाचंग ही था.

बेताल ने पूछा- ऐसा क्यों? भोजन चंग ने अनाज को सूंघकर जान लिया कि यह अनाज किस खेत का है, नारी चंग ने स्त्री को देखते ही उसके रक्त के दूध को पहचान लिया. ये बातें तो ज्यादा गूढ़ हैं फिर भी शैय्या चंग श्रेष्ठ क्यों हुआ?

विक्रमादित्य ने उत्तर दिया- तीनों ने अपनी विद्वता का प्रमाण मौखिक दिया जबकि शैय्याचंग की पीठ पर बाल के निशान दिखाई दिए और ढूंढ़ने पर बिस्तर में बाल पाया भी गया, यह प्रत्यक्ष प्रमाण था.

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