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फिर उसने दूसरे बैल को भी जाने दिया. दरवाजा तीसरी बार खुला. नौजवान के चहरे पर मुस्कान आ गई. इस बार एक छोटा और मरियल बैल निकला.
जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूंछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूंछ सही समय पर पकड़ ले.
पर यह क्या! उस बैल की पूंछ थी ही नहीं. नौजवान पछताने लगा. वह परीक्षा में फेल हो गया था.
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