शरीर के कुछ लक्षण आपको बहुत से संकेत देते हैं. कुछ ऐसे संकेतों के बारे में जानें जो यदि आपमें प्रकट हो रहे हैं तो समझें आपकी ग्रह दशा बिगड़ रही है और आपको तत्काल उन्हें अनुकूल करने की जरूरत है.  ग्रह दशा यदि प्रतिकूल हो रही है तो समस्याओं का जीवन में अंबार लग जाता है.

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सबसे पहले जानेंगे कि किस लक्षण से ये पता चलता है कि कौन से ग्रह की दशा खराब हो रही है फिर जानेंगे उस खराब ग्रह को ठीक करने का घरेलु उपाय. ग्रह दशा यदि बिगडने लगे तो जीवन में उथल-पुथल मच जाता है.

शरीर में प्रकट होने वाले लक्षणों से जानें बिगड़ती ग्रह दशा का हाल-

पैर हिलानाः
यदि अचानक पैर हिलाने की आदत बढ़ रही है या पैर स्वतः ही हिलने लगते हैं तो समझें कि बुध और शनि दोनों ही खराब यानी अशुभ हो रहे हैं है. यदि अक्सर बैचेनी रहती हो तो सावधान हो जाएं. 36 साल की आयु के बाद शनि दोष के कारण आर्थराइटिस की बीमारी की आशंका रहेगी.

आप शनि के उपाय तत्काल आरंभ कर दें तो लाभ होगा.

बालों या शरीर को खुजाने की बहुत इच्छाः
यदि बालों को या शरीर को खुजाने की सामान्य से अधिक प्रवृति दिखाई दे रही है तो आपको समझना चाहिए कि केतु ने प्रतिकूल प्रभाव दिखाना शुरू किया है. केतु का प्रतिकूल प्रभाव आगे चलकर कष्टकारी हो जाता है.

 

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कमजोर स्मरण शक्ति, तोतलाना, अशुद्ध उच्चारणः

अगर आप बातों को बहुत भूल जाते हैं, ऐन मौके पर आपको लोगों के नाम या प्रश्नों के उत्तर नहीं याद आते. ऐसा लगता है कि कंठ तक आ गया है बस जीभ तक नहीं आ रहा. शब्दों के उच्चारण में कुछ अक्षर चबा जाते हैं जिससे अस्पष्ट उच्चारण होता है. तो ये लक्षण आपके बुध ग्रह के कमजोर होने के लक्षण हैं. समय रहते उपाय आरंभ कर दें.

दूसरों के मामलों में टाँग अडाने की आदतः
कुछ लोगों की आदत होती है बिना मांगे सलाह देना, दूसरों की समस्या में बिना वजह टांग अड़ा देना. ऐसे लोग अपने लिए सामाजिक तौर पर अपमान का कारण पैदा कर लेते हैं.

ऐसे लोगों का गुरु ग्रह खराब होगा. आपको गुरू ग्रह को अनुकूल करने का प्रयास करना चाहिए.

एसिडिटी और गैस की बढ़ती तकलीफः

यदि पेट की समस्या, एसिडिटी, गैस और लीवर की प्रॉब्लम बहुत ज्यादा होने लगी, साधारण भोजन से भी अपच हो जाता है तो इसका अर्थ है कि आपका गुरू ग्रह खराब हो रहा है. उसे मजबूत करने का प्रयास करना होगा.

जल्दी खाना खानाः

यदि बहुत ज्यादा भूख लगती है तो समझिए शनि और बुध खराब हो रहे हैं और दोनों ही साथ नहीं दे रहे हैं.

दांपत्य जीवन में बाधाः
विवाहित जीवन का सुख नहीं ले पा रहे, जीवनसाथी के साथ छोटी-छोटी बात पर भी क्लेश हो जाता है तो समझिए कि आपके गुरू ग्रह खराब हैं. उनकी प्रसन्नता के उपाय करने चाहिए.

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कंधे झुका के रहना या हिलने-डुलने की आदतः
कंधे झुका कर चलने वाले लोग खुले विचार वाले नहीं होते. शंकालु होते हैं और किसी से भी कोई बात चाहे खुशी की हो गम की, शेयर नहीं करते.

यदि हिलते डुलते रहने की प्रवृति ज्यादा है, एक स्थान पर स्थिर नहीं रहते, स्मरण शक्ति की कमी के साथ-साथ पेट की समस्या और पसीना भी बहुत आता है तो समझिए कि गुरु और बुध दोनों खराब हैं.

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