शनिवार को शनिदेव का पूजन करें। काले तिल मिलाए हुए सरसों के तेल से अभिषेक करें।
तत्पश्चात शनिदेव के 108 नामों का स्मरण करें या दशरथकृत शनि स्तोत्र (प्रभु शरणम् ऐप्प के शनिदेव मंत्र में देखें- हिंदी और संस्कृत दोनों में मंत्र उपलब्ध है) का 11 बार पाठ करें और फिर शनिदेव से अपने कष्ट दूर करने की प्रार्थना करें। शनिदेव के समक्ष दीपक संध्याकाल में रखें।
इससे बड़े से बड़े संकट भी टल जाते हैं और मनचाही इच्छा पूरी होने के योग बनने लगते हैं।
वेद-पुराण-ज्योतिष-रामायण-हिंदू व्रत कैलेंडेर-सभी व्रतों की कथाएं-व्रतों की विधियां-रामशलाका प्रश्नावली-राशिफल-कुंडली-मंत्रों का संसार. क्या नहीं है यहां! एक बार देखिए तो सही…
Android ऐप्प के लिए यहां क्लिक करें
लिंक काम न करता हो तो प्लेस्टोर में सर्च करें-PRABHU SHARNAM
राजा दशरथ ने इस शनि स्तोत्र से पूजन करके शनिदेव को प्रसन्न किया था और अपने राज्य पर आया संकट टाला था।
हनुमानजी को चोला चढ़ाने के उपाय से शनिदेव को होती है विशेष प्रसन्नता, जाने अगले पेज पर…
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.